सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार राजधानी पटना के पॉश इलाके में विधायकों को दो-दो कट्ठा जमीन और आलीशान बंगला देने की तैयारी में हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि सोसायटी बनाकर सभी विधायकों को पटना में घर बनाने के लिए जमीन के साथ आलीशान बंगला बनवाया जाए। इसके लिए पटना के पॉश इलाके आशियाना नगर-दीघा रोड में इन विधायकों को दो-दो कट्ठा जमीन आवंटन करने की योजना है।

बिहार राज्य सहकारी संघ और बिहार भूमि विकास बैंक इस सोसाइटी के लिए नोडल एजेंसी होगी। वह संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार की अध्यक्षता वाली स्वाबलंबी गृह निर्माण सहयोग समिति को जमीन मुहैया करवाएगी। बिहार के सहकारिता मंत्री राणा रणधीर इसके सचिव हैं और भाजपा विधायक सचिंद्र कुमार इसके कोषाध्यक्ष हैं।
मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मानसून सत्र खत्म होने तक 150 विधायकों ने इसके लिए फॉर्म भी जमा करवा दिया है। विधायकों में जमीन पाने को लेकर होड़ मची है। बता दें कि पटना में जिनके घर नहीं हैं वैसे पूर्व और वर्तमान विधायक सहकारी समिति के सदस्य बनने के लिए पात्र होंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से विधायकों पर मेहरबान हैं। आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में विधायकों के लिए नीतीश सरकार ने वेतन में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी और उनके भत्ते में भी पर्याप्त वृद्धि की थी। वर्तमान में बिहार के विधायकों को मूल वेतन के लिए 40,000 रुपये प्रति महीने के अलावा 50,000 रुपये का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 10,000 रुपये का स्टेशनरी और 30,000 रुपये प्रति महीने निजी सचिव रखने के लिए दिए जाते हैं। पूर्व विधायकों को 35000 रुपये पेंशन भी मिलती है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल ही में लगभग 600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर विधायकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाले आलीशान डुप्लेक्स बंगलों का निर्माण करवाया है। आलीशान सरकारी बंगले सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्र संख्या के अनुसार आवंटित किए जाने की योजना है। कई विधायक, जो पुराने आवासीय फ्लैटों के रहने लायक नहीं होने के बाद से किराए पर बाहर रहते है उन्हें इस साल दिसंबर तक कब्जा भी दे दिया जाएगा।
बिहार के 12 जिलों में बाढ़ के भीषण चपेट में हैं। 80 लाख से अधिक की आबादी इससे बुरी तरह प्रभावित है। हजारों लोगों के घर बार उजड़ गए हैं और लाखों लोग सड़कों और बांधों पर रहने को मजबूर हैं। नीतीश सरकार इनकी सुध लेने के बजाय विधायकों को सस्ती जमीन और डुप्लेक्स बगला देने की तैयारी में हैं।