दरभंगा: बाढ़ की समस्या का समाधान सरकारी स्तर पर ही ढूँढना होगा, इसके लिए आम लोगों तथा जन प्रतिनिधियों को अपने स्तर से प्रयास करना होगा , ये बातें प्रसिद्ध जल विशेषज्ञ श्री दिनेश मिश्र द्वारा बाढ़ समस्या समाधान विषय पर आयोजित विचारगोष्ठी में कही गई । तालाब बचाओ अभियान, मैथिली साहित्य संस्थान, पटना तथा इंटेक, दरभंगा चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय, दरभंगा के सभागार में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । डॉ. मिश्र ने कहा कि सरकारी व्यवस्था के साथ वार्ताहीनता की स्थिति है तथा सरकारी स्तर पर सूचना छुपाने का हर संभव प्रयास किया जाता है । पानी की उपलब्धता के स्तर पर हम सरप्लस से डिफिसिट स्थिति में आ गए है, अनावृष्टि की स्थिति के लिए सरकार पहले से तैयार नहीं होती है , जिसके कारण किसान समय पर रोपनी नहीं कर पाते हैं , लघु सिचाई विभाग की लापरवाही कृत्रिम पानी की उपलब्धता के लिए जिम्मेवारी तथा अग्रिम योजना का अभाव आदि विषय पर गंभीरता से विचार होना चाहिए । कोशी परियोजना की मौलिक परिकल्पना किसानों को सभी फसलों के लिए पानी उपलब्ध कराना था, किन्तु हकीकत में एक भी फसल के लिए पानी नहीं मिल पाता है , डॉ. मिश्र ने कहा कि बाढ़ के लिए सरकार द्वारा अनेक तरह के बहाने बनाये जाते हैं, जैसे नेपाल, चूहा, समय से पहले वर्षा, आवश्यकता से अधिक वर्षा, असमाजिक तत्वों द्वारा बाँध काटने तथा बाँध टूटने आदि बहाने बनाए जाते है । यह सरकारी अभियंताओं द्वारा नियोजित भयादोहन है । सरकार वार्ता के लिए तैयार नहीं है । सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है । विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा ने कहा कि आनेवाली पीढ़ी के लिए हम बाढ़ की समस्या को छोड़ कर नहीं जायें । समाजसेवी, बुद्धिजीवी आदि का सामाजिक दायित्व है कि बाढ़ की समस्या के हर पहलू का अध्ययन करें तथा बाढ़ तथा सुखाड़ को कम करने का प्रयास करें ।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी श्री गजानन मिश्र ने विस्तार से बाढ़ की समस्या एवं समाधान विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि पुरे दरभंगा प्रमण्डल में कोई भी ऐसा भूभाग नहीं है जो बाढ़ के प्रकोप से बचा हो । प्रसिद्ध पत्रकार श्री पुष्यमित्र ने कहा कि हिमालय से आने वाले पानी और हमारे बीच सरकार एक दीवार के रूप में खड़ी है । आमलोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है । डॉ. सुशान्त कुमार ने पॉवर पॉइंट के माध्यम से वर्तमान बाढ़ की भयावह स्थिति की विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की । तालाब बचाओ अभियान के संयोजक श्री नारायण जी चौधरी ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार करने का आग्रह किया । मैथिली साहित्य संस्थान, पटना के कोषाध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र ने पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा तथा श्री गजानन मिश्र से एक ऐसा प्रतिवेदन तैयार करने का आग्रह किया, जिसमे सरकार, जनप्रतिनिधि तथा जनता के कर्तव्यों के अनुपालन करने से सम्बंधित हो तथा इसके लिए इस क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों से उनके विचार प्राप्त करने का आग्रह किया । कार्यक्रम के अंत में सभी विद्वान अतिथियों के करकमलों द्वारा संग्रहालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।
इंटेक दरभंगा चैप्टर के आजीवन सदस्य श्री चन्द्र प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा प्रो० विद्यानाथ झा, प्रो० जयानंद मिश्र, श्री उमेश राय, श्री कृष्ण कुमार कश्यप, ई. मिथिलेश्वर झा, श्री अवनींद्र झा, फ़वाद गज़ाली, मुकेश झा, मोदनाथ मिश्र, शाश्वत मिश्र, रत्नेश्वर सिंह, उमेश राय, कमलेश झा, प्रो० राजेन्द्र कुमार सहनी, बदरे आलम, प्रकाश बन्धु आदि अनेक विशेषज्ञ उपस्थित थें ।
राकेश कुमार शाह की रिपोर्ट