डेस्क: जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के फैसले के हफ्ते भर के अंदर ही केंद्र सरकार घाटी में 25,000 और जवानों को भेज रही है। रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जवान बृहस्पतिवार की सुबह से घाटी में पहुंचने लगे हैं और उन्हें राज्य के अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जा रहा है।

सूत्रों ने बताया है कि सिर्फ पिछले 4 दिनों में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की 281 कंपनियां जम्मू-कश्मीर में पहुंच चुकी हैं। बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 10,000 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की बात कही थी। जिसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में इतनी बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती को लेकर सवाल उठने और कयास लगाए जाने का दौर शुरू हो गया था।
पिछले सप्ताह सरकार ने 100 कंपनियां तैनात किए जाने के पीछे आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने की वजह बताई थी। इसमें सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाने वाली थीं। बताते चलें कि बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अनुच्छेद 35A को हटाने की अटकलों से साफ इंकार कर दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस तरह की कोई भी योजना नहीं है।
इस बीच अमरनाथ यात्रा भी 4 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सरकार का कहना है कि खराब मौसम की वजह से ये निर्णय लिया गया है। हालांकि मौसम विभाग ने किसी भी तरह के बड़े बदलाव का कोई अनुमान नहीं लगाया है। आधिकारिक सूत्रों का यह भी कहना है कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगे कुछ जवानों को भी कानून व्यस्था को ध्यान में रखते हुए दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है। आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में करीब 400 टुकड़ी यानी 40 हजार के आसपास जवान तैनात किये गए हैं।
दूसरी तरफ, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बृहस्पतिवार को सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंच गए हैं। सेना के प्रवक्ता का कहना है कि सेना प्रमुख अगले दो दिनों तक कश्मीर में ही रहेंगे। इससे पहले केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के कश्मीर दौरे से लौटते ही 10 हजार सुरक्षाकर्मियों को कश्मीर भेजने का आदेश दिया था ताकि वहां की बिगड़ती कानून व्यवस्था को ठीक किया जा सके और आतंकवाद निरोधक अभियानों को तेज किया जा सके।