डेस्क: संघ प्रमुख के ‘आरक्षण पर चर्चा’ वाले बयान से जहां विपक्षी दल तिलमिलाए हुए हैं, वहीं खुद आरएसएस को आगे आकर स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी। कांग्रेस, बीएसपी अलावे सरकार के सहयोगी आरपीआई ने भी आरक्षण खत्म करने के किसी भी प्रकार के प्रयास का पुरजोर विरोध किया है। विवाद बढ़ता देख आरएसएस खुद आगे आकर सफाई दी है।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने ट्विटर पर जारी बयान में कहा, ‘समाज में सदभावना पूर्वक परस्पर बातचीत के आधार पर सब प्रश्नों के समाधान का महत्व बताते हुए आरक्षण जैसे संवेदनशील विषय पर विचार व्यक्त करने का आह्वान किया था।’ अरुण कुमार ने कहा कि जहां तक संघ का आरक्षण के विषय पर मत है, वह अनेक बार स्पष्ट किया जा चुका है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और आर्थिक आधार पर पिछड़ों के आरक्षण का संघ पूर्ण समर्थन करता है।
सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिये गये भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री अरुण कुमार जी का वक्तव्य : pic.twitter.com/N8ExNDCwPC
— RSS (@RSSorg) August 19, 2019
आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत ने रविवार को कहा कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सद्भावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। सर संघ चालक ने न उत्सव के समापन सत्र में कहा कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई। उन्होंने कहा कि आरक्षण का पक्ष लेने वालों को उन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं और इसी तरह से इसका विरोध करने वालों को इसका समर्थन करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए।
बता दें कि मोहन भागवत ने इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी आरक्षण खत्म करने को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।