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सबसे बड़ा सवाल ! केंद्र में एक भी सचिव OBC/EBC क्यों नहीं है? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है?

डेस्क: संघ प्रमुख मोहन भगवत के ‘आरक्षण पर चर्चा’ वाले बयान को लेकर विपक्षी दल और उसके नेता आरएसएस और बीजेपी पर हमलावर है। अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इसको लेकर तीखे सवाल किए हैं। उन्होंने इसको लेकर लगातार दो ट्वीट किए हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ‘मोहन भागवत जी के बयान के बाद आपको यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम आपको “संविधान बचाओ” और “बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ” के नारों के साथ आगाह कर रहे थे।’सौहार्दपूर्ण माहौल’ की नौटंकी में ये आपका आरक्षण छीन लेने की योजना में काफी आगे बढ़ चुके है।जागो,जगाओ और अधिकार बचाने की मशाल जलाओ’

अगले ट्वीट में तेजस्वी ने बहस की चुनौती देते हुए लिखा है, ‘आरक्षण को लेकर RSS/BJP की मंशा ठीक नहीं है। बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव OBC/EBC क्यों नहीं है? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है? करिए बहस??’

बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत ने रविवार को कहा कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सद्भावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। सर संघ चालक ने न उत्सव के समापन सत्र में कहा कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई। उन्होंने कहा कि आरक्षण का पक्ष लेने वालों को उन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं और इसी तरह से इसका विरोध करने वालों को इसका समर्थन करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए।

हालांकि सोमवार को आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने ट्विटर पर जारी बयान में कहा, ‘समाज में सदभावना पूर्वक परस्पर बातचीत के आधार पर सब प्रश्नों के समाधान का महत्व बताते हुए आरक्षण जैसे संवेदनशील विषय पर विचार व्यक्त करने का आह्वान किया था।’ अरुण कुमार ने कहा कि जहां तक संघ का आरक्षण के विषय पर मत है, वह अनेक बार स्पष्ट किया जा चुका है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और आर्थिक आधार पर पिछड़ों के आरक्षण का संघ पूर्ण समर्थन करता है।

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Social Activist
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