डेस्क: हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम पार्टी से नाराज हो गए हैं और वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। वहीं हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने इलेक्शन कैंपेन से जुड़ी सभी समितियों से इस्तीफा दे दिया है।

संजय निरुपम ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ‘ ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी अब मेरी सेवाएं नहीं चाहती है। मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम की सिफारिश की थी। सुना है कि इसे भी खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैंने पहले नेतृत्व को बताया था, उस स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम निर्णय है।’ बता दें कि संजय निरुपम को इस साल की शुरुआत में मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।
It seems Congress Party doesn’t want my services anymore. I had recommended just one name in Mumbai for Assembly election. Heard that even that has been rejected.
As I had told the leadership earlier,in that case I will not participate in poll campaign.
Its my final decision.— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 3, 2019
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘ ‘मुझे उम्मीद है कि पार्टी को गुडबाय कहने का वक्त नहीं आएगा, लेकिन लीडरशिप जिस तरह से मेरे साथ बर्ताव कर रही है, उससे लगता है कि अब वह दिन दूर नहीं है।’
I hope that the day has not yet come to say good bye to party. But the way leadership is behaving with me, it doesn’t seem far away. https://t.co/B07biJWp5M
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 3, 2019
दूसरी तरफ हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने ट्विटर पर जारी पत्र में लिखा कि टिकट बंटवारे और उनकी राय की अनदेखी के चलते वह ऐसा कर रहे हैं। इससे पहले बुधवार को भी हरियाणा में टिकट बंटवारे को लेकर सूबे के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने समर्थकों के साथ दिल्ली में प्रदर्शन किया था।
Copy of the letter written by @AshokTanwar_INC to @INCIndia President Smt Sonia Gandhi ji. pic.twitter.com/I06KvgmVaw
— Office of Ashok Tanwar (@ashok4haryana) October 3, 2019
तंवर ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट बंटवारे में जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा, ‘हमने पार्टी का वोट शेयर 5-6% तक बढ़ाया इसके बावजूद लोग हमारे नेतृत्व पर सवाल उठाते हैं।’