डेस्क: नागरिकता संशोधन कानून(CAA) को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान राजधानी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 46 लोगों की मौत हो गई है। इस हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस दंगे में करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। कई लोगों के घर और दुकानें जला दी गईं।

विपक्ष इसके लिए सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है। तो सरकार विपक्षी नेताओं को। सोमवार को लोकसभा कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने दिल्ली हिंसा को लेकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। इस दौरान प्रधानमंत्री जवाब दो के भी नारे लगे। इस बीच, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार ने हिंसा रोकने की कोशिश नहीं की। उनकी नजर में दिल्ली हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी और हिंसा के समय सरकार सोती रही।
उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा है, ‘दिल्ली में कत्लेआम पहले भी हुए। लेकिन पहले कत्लेआम बाहर वाले आक्रमणकारी करते-करवाते थे। जैसे नादिरशाह, अहमद शाह अब्दाली ने आकर दिल्लीवालों को मारा। अब दूसरे तरह की हत्या हुई हैं। 1947 में जो हुआ सबसे भयानक था। लेकिन यह पहली बार है जब सब कह रहे हैं कि सरकार ने रोकने की कोशिश नहीं की।’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती तो इसे रोक सकती थी। उन्होंने केंद्र सरकार को दिल्ली में हुए कत्लेआम के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार इस दौरान सोती रही। हामिद अंसारी ने आगे कहा कि दंगों के लिए एक तरह से नेताओं ने इशारा दिया था। उन्होंने यहां राजनेताओं का नाम लिए बगैर कहा कि लोगों ने उनके बयान सुने।
बता दें कि रविवार रात अफवाहों से दहली दिल्ली सोमवार सुबह पूरी तरह शांंत है। सभी मेट्रो स्टेशन खुले हैं। हिंसा ग्रस्त इलाकों में भी जनजीवन सामान्य नजर आ रहा है। पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए। लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील लगातार की जा रही है। हिंसा के आरोप में अब तक 903 आरोपित पकड़े गए हैं और 254 एफआइआर दर्ज की गई हैं।