डेस्क: लनामिवि दरभंगा/विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग:- आज दिनांक 7 मार्च 2020 को विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम ” मौजूदा परिवेश में महिलाओं की समस्या व समाधान” का आयोजन किया गया। इस मौके पर बोलती हुई विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा ने कही कि किसी भी परिस्थिति में छात्राओं को डरना नहीं है। समस्या व समाधान तो एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। समस्या आएगी ही, लेकिन समस्या में आपसबों को बिखरना नहीं बल्कि उससे सीख लेकर आपको निखरना है।

मुख्य अतिथि डॉ० प्रीति झा ने कहा कि महिलाओं को सबल करने के लिये सरकार ने महिला आरक्षण का प्रावधान किया है। आज हर क्षेत्र में महिलाएं समस्या के बावजूद भी आगे बढ़ रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में आप देख सकती हैं कि पीजी की कई गोल्डमेडलिस्ट छात्राएं हो रही है।
अंग्रेजी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ० अरुणिमा सिन्हा ने महिलाओं की समस्याएं व समाधान पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए अपने संबोधन में कही कि इतिहास गवाह है कि जब-जब महिलाओं ने ठानी है तब-तब वो इतिहास रची है। इसीलिए अगर आप सभी छात्राएं सिर्फ प्रण कर लें तो एक दिन निश्चित आप भी इतिहास रचेंगी।
विभागीय प्राध्यापिका डॉ० अपराजिता ने कहा कि संघर्ष ही व्यक्तित्व को निखारता है। जो भी समस्याओं आपके सामने में आती है वो हमें कुछ न कुछ सीखा के जाती है। इसीलिए समस्याओं का सामना कीजिये। समस्या कहाँ नहीं है? इसीलिए महिलाओं का भी इतिहास स्वर्णिम हैं उनके संघर्षों को आप ई-लाइब्रेरी के माध्यम से निःशुल्क पढ़े और देश-दुनिया में आगे बढ़े।
विभागीय प्राध्यापिका डॉ० प्रगति ने छात्राओं को मोटिवेशनल शब्दों व कविताओं के माध्यम से छात्राओं का मोटिवेशन किया और कभी हार न मानने की सलाह दी जिसे समाज में घटित कई उदाहरणों से समझाया।
यूपी कॉलेज पूसा, समस्तीपुर के विभागीय शिक्षिका व शोधार्थी श्रीमती प्रियंका कुमारी ने कार्यक्रम का संचालन किया और अपने संबोधन में कहा कि महिलाएं अपने ऊपर नकारात्मकता को हावी न होने दें। कैसी भी विषम परिस्थिति में सदैव सकारात्मक रहें। अगर आप सकारात्मक होंगे तो परिवार का सकारात्मक होगा और परिवार सकारात्मक होगा तो समाज सशक्त होगा।
डॉ० पुनीता झा, डॉ० मंजू झा, डॉ० आभा रानी समेत विभागीय प्राध्यापिका श्वेता श्री, एन चंदा व शिवांगी ने भी अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया।
राजनीति विज्ञान की शोध छात्रा साक्षी कुमारी ने कहा कि आज तमाम समस्याओं के बावजूद सुदूर गाँव से चलकर मैं गोल्डमेडलिस्ट बनी और अभी रिसर्च स्कॉलर हूँ। ऐसा नहीं है कि समस्याएं नहीं आयी लेकिन विभागाध्यक्ष आदरणीय डॉ० जितेंद्र नारायण सर का मार्गदर्शन मिला और मैं यहां तक का सफर तय किया हूँ। मैंने सर का कभी एक भी क्लास मिस नहीं किया। इसीलिए आप अगर ठान लें तो कुछ भी कर सकती हैं। इस मौके पर गुड़िया, सान्या, कंचन, रूबी, शालिनी, रिंकी, दीक्षा समेत कई छात्राओं ने अपने-अपने विचार रखें और पूर्व के सेमिनार का पुरस्कार वितरण भी किया गया।
राकेश कुमार की रिपोर्ट