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बड़ी खबर: मध्यप्रदेश में विधायकों का इस्तीफा फ़र्जी ! ‘सिंधिया ने धोखे में लिए उनके साइन’

डेस्क: मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच 22 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं, जिसके बाद कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है। वहीं खबरों के मुताबिक बुधवार को सिंधिया आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।

अब एक नई खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस की विधायक दल की बैठक में कमलनाथ सरकार को एक और झट’का लगा है। मंगलवार शाम 6 बजे शुरू हुई इस बैठक में कांग्रेस के महज 88 विधायकों ने हिस्सा लिया है।यानी कांग्रेस के चार और विधायक मीटिंग से गायब रहे। कांग्रेस की मीटिंग करीब दो घंटे तक चली।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कुल 92 विधायक पहुंचे, जिनमें 4 निर्दलीय थे। बता दें कि कांग्रेस के कुल 114 विधायक थे, जिनमें से 22 ने खुले तौर पर अपने इस्तीफे दे दिए हैं, जबकि अब चार और विधायक मिसिंग हैं। यानी कुल 26 विधायक कांग्रेस से छिटकते नजर आ रहे हैं।

वहीं बैठक के बाद कांग्रेस नेता पीसी शर्मा और शोभा ओझा ने दावा किया कि कमलनाथ की सरकार के पास बहुमत है। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि कमलनाथ नाराज विधायकों की घर वापसी की कोशिश करेंगे। कर्नाटक में मौजूद नाराज विधायकों को मनाने के लिए कमलनाथ सज्जन सिंह वर्मा समेत तीन मंत्रियों को कर्नाटक भेजेंगे।

पीसी शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस के विधायकों को बरगलाया गया। स्पीकर को जो इस्तीफा पत्र सौंपा गया है वह दबाव में लिखवाया गया है। शोभा ओझा ने कहा कि विधायकों को कहा गया था ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा चुनाव का टिकट दिलाना है इसलिए आपलोग उनके समर्थन में हस्ताक्षर कीजिए। इसी बहाने से कराए हस्ताक्षर के कागज को विधायकों के इस्तीफे के रूप में पेश किया गया है।

शोभा ओझा ने कहा कि जबतक कोई विधायक खुद से इस्तीफा पत्र लिखकर स्पीकर को नहीं सौंपता है तब तक उसे नहीं माना जाएगा। 19 विधायकों का इस्तीफा पत्र मिलने के बाद विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा है कि वह विधानसभा के नियमों के अनुकूल ही कोई फैसला लेंगे। वहीं शोभा ओझा ने जोर देते हुए हुए कहा कि कमलनाथ की सरकार पूरी तरह सेफ है। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस विधायक कमलनाथ सरकार के समर्थन में ही वोट करेंगे।

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