डेस्क: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने एकबार सरकार पर हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है, ‘बिहार के लिए इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है कि विश्व को शून्य देने वाले महान खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट के प्रदेश बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी कहे कि बिहार में गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी के अध्यापक ही नहीं मिलते?

उन्होंने आगे कहा है, ’15 वर्षों में बिहार को बेरोज़गारी का मुख्य केंद्र एवं राज्य की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली को पूर्णतः ध्वस्त कर वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद करने वाली सरकार को अब बदलने का वक़्त आ गया है।’
इससे पहले शनिवार को तेजस्वी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था, बिहार सरकार कोरोना वायरस के पाँव पसारते प्रकोप के प्रति पूर्णतः संवेदनहीन और असमंजस में नज़र आ रही है। हमारे प्रशिक्षण शिविर स्थल को कोरोना के नाम पर रद्द कर दिया गया। हमने ख़ुशी-ख़ुशी आदेश का पालन किया लेकिन स्वास्थ्य मंत्री सरकार की advisory की ख़ुद धज्जियाँ उड़ा रहे है। सरकार का ऐसा दोहरा रवैया क्यों?
सरकार के निर्णय और उनके मंत्रियों व विभागों में कहीं कोई तालमेल नहीं दिख रहा। सरकार की सलाह की ख़ुद उनके मंत्री और सहयोगी दल भाजपा के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष उल्लंघन कर रहे है। एक ओर सरकार स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर व पार्क इत्यादि बन्द करवा रही है तो दूसरी ओर स्वयं स्वास्थ्य मंत्री ही रोहतास में भाजपा कार्यकर्ताओं का मजमा सजा कर आम जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
आगे अपने प्रेस रिलीज में कई सवाल करते हुए पूछा, क्या स्वास्थ्य मंत्री ने हर जिले में 100 से 300 बिस्तरों वाले सुसज्जित अत्याधुनिक तकनीक व चिकित्सकों से लैस आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया है?
क्या हर प्राथमिक उपचार केंद्र में कम से कम 10 बिस्तर के आइसोलेशन वार्ड तैयार हैं? क्यों कोरोना वायरस के संक्रमण के मुफ़्त जाँच और इलाज की घोषणा अब तक नहीं की गई है?
आम नागरिकों को मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध करवाने में सरकार क्यों पल्ला झाड़ रही है? इनकी जमाखोरी व दाम बढ़ाकर मुनाफाखोरी रोकने के कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे? लोगों में कोरोना के रोकथाम के लिए ज़रूरी जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक तौर पर अब तक जागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाए गए रहे?
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे अपने दायित्वों के प्रति कब गम्भीर होंगे? कब तक उनकी व सरकार की संवेदनहीनता की कीमत बिहारवासी अपनी जान गँवा चुकाते रहेंगें? क्या स्कूल, कॉलेज बन्द करने जैसी सतही कार्यवाही मात्र से बिहार सरकार कोरोना के खतरे से निपटने के प्रति आश्वस्त हो चुकी है?
समय रहते नीतीश सरकार कब जागेगी? क्या चमकी बुखार के तरह इस बार भी सरकार सैकड़ों जानों के लीलने के बाद ही जागने का अभिनय करने का मन बना चुकी है? जब सीमित क्षेत्र में सेवन के कारण फैलते चमकी बुखार से निपटने में सरकार को 2 महीने लग गए तो सांस व स्पर्श से फैलने वाले वायरस से यह सरकार कैसे निपटेगी?
चमकी बुखार में मासूम बच्चे मरते जा रहे थे और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे क्रिकेट मैच का स्कोर पूछ रहे थे और कल जब मुख्यमंत्री कोरोना वायरस पर मीटिंग कर रहे थे तो जनाब अपने मोबाइल पर video देखने में व्यस्त थे? बिहार के नागरिक मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि आखिर उन्होंने किस जुर्म की सज़ा में मंगल पांडे जैसे अगंभीर, अयोग्य और संवेदनहीन स्वास्थ्य मंत्री को भुगतना पड़ रहा है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थोड़ी हिम्मत जुटाएँ और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करें।
दूसरी तरफ राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शनिवार को एक फोटो शेयर किया गया है। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री अपने मोबाइल में कुछ देख रहे हैं। ट्वीट में लिखा है, ‘ बिहारवासी इस फोटो पर ध्यान दें! मुख्यमंत्री कोरोनावायरस पर एक उच्चस्तरीय मीटिंग करने का दावा कर रहे हैं! और चमकी बुखार में लापरवाही पर चौतरफा आलोचना के बीच क्रिकेट का स्कोर पूछने वाले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे देखिए मीटिंग के बीच जानें कौन सा TikTok वीडियो देख रहे हैं!’
बिहारवासी इस फोटो पर ध्यान दें!
मुख्यमंत्री #कोरोनावायरस पर एक उच्चस्तरीय मीटिंग करने का दावा कर रहे हैं!
और चमकी बुखार में लापरवाही पर चौतरफा आलोचना के बीच क्रिकेट का स्कोर पूछने वाले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे देखिए मीटिंग के बीच जानें कौन सा #TikTok वीडियो देख रहे हैं! pic.twitter.com/nadullQtXM
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 14, 2020
बता दें कि पिछले साल चमकी बुखार के समय उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक चमकी बुखार को लेकर हो रही एक अहम मीटिंग के दौरान क्रिकेट स्कोर पूछ रहे थे।