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पूर्व CJI को मिला रिटर्न गिफ्ट ! पप्पू बोले- ‘न्याय की देवी ने कर ली आत्मह’त्या, मोदी जी की मूर्ति लगा दो’

डेस्क: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामांकित किया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (तीन) के साथ पठित खंड (एक) के उपखंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति, एक मनोनीत सदस्य की सेवानिवृत्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य मनाीनीत करते हैं।’ बता देें की पूर्व सीजेआई ने अयोध्य राम मंदिर समेत कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुनाया था।

पूर्व सीजीआई रंजन गोगोई ने कई पुराने लंबित मामलों का निपटारा किया था। उन्होंने 161 साल से लंबित अयोध्या के रामजन्म भूमि विवाद का लगातार सुनवाई कर निपटारा किया। असम में कई वर्षो से लंबित एनआरसी को लागू करवाया। इसके अलावा राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी थी।

जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। लोग इस फैसले को न्यायपालिका के गलत बता रहे हैं। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा है, ‘नमो संदेश -:या तो राज्यपाल, चेयरमैन और राज्यसभा। वरना तबादले झेलो या इस्तीफ़े देकर घर जाओ।’

वहीं जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा है, ‘ न्याय की देवी ने आज ज’हर खाकर आत्मह’त्या कर ली है। अब उसकी जगह मोदी जी की मूर्ति लगा दो।’

कांग्रेस नेता श्रीनिवास लिखते हैं ‘सु प्रीम कोर्ट के पूर्व CJI श्री #RanjanGogoi जी को रिटायरमेंट के कुछ ही महीनों के अंदर राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामांकित करने का फैसला बिल्कुल भी चौकाने वाला नही,श्री  रंजन गोगोई द्वारा राफेल, कश्मीर, कर्नाटक हॉर्स ट्रेडिंग के ताजा फैसले इस ‘रिटर्न गिफ्ट’ के हकदार थे’

पत्रकार रोहणी सिंह लिखती हैं, ‘मिल गया इनाम’

न्यायमूर्ति गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला। 18 नवंबर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे।

बता दें कि रंजन गोगोई ने शुरुआत में गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत की। उनको संवैधानिक, टैक्सेशन और कंपनी मामलों का दिग्गज वकील माना जाता था। इसके बाद उनको 28 फरवर 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायमूर्ति नियुक्त किया गया। 9 सितंबर 2010 को उनका तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया।

इसके बाद 12 फरवरी 2011 को उनको पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बना दिया गया। 23 अप्रैल 2012 को उनको प्रोमोट करके सुप्रीम कोर्ट का न्यायमूर्ति बना दिया गया। जब दीपक मिश्रा चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए, तो उनकी जगह रंजन गोगोई को चीफ जस्टिस बनाया गया था। पिछले साल 17 नवंबर को वो रिटायर हुए थे।

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