डेस्क: मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी सियासी घमा’सान के बीच गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कई घंटों तक जोरदार बहस हुई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति को निर्देश दिया कि शक्ति परीक्षण के लिए शुक्रवार को सदन का विशेष सत्र बुलाया जाए और यह प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी की जाए।

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि अगर बा’गी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा आने चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उनकी सुर’क्षा सुनिश्चित कराए। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को भी कहा है।
इस बीच गुरुवार की देर रात कांग्रेस के 16 बागी विधायकों का इस्तीफ मंजूर कर लिया है। मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि जिन सदस्यों ने 10 मार्च 2020 को अपने इस्तीफे दिए थे, उन्हें स्वीकार कर लिया गया है।
Madhya Pradesh Assembly Speaker NP Prajapati: Resignations of all members of the assembly who had submitted their resignation on 10th March 2020, have been accepted. pic.twitter.com/RUWUywXdPJ
— ANI (@ANI) March 19, 2020
बता दें कि इससे पहले 6 MLA का इस्तीफा मंजूर किया जा चुका है। इस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक पूरे 22 विधायकों का इस्तीफा मंज़ूर हो चुका है।
विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद अब कमलनाथ का गिरना लगभग तय सा हो गया है। खबर है कि सीएम कमलनाथ बहुमत परीक्षण से पहले इस्तीफा दे सकते हैं। सीएम ने शुक्रवार 12 बजे अपने प्रेस आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।
इससे पहले SC के फैसले के बाद बाद बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘आंत’क, दबाव, लोभ, प्रलोभन के प्रयास में कमलनाथ जी बुरी तरह विफल रहे। इसलिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को शिरोधार्य करते हैं। कल फ्लोर टेस्ट होगा। हाथ उठाके होगा। और हमारा विश्वास है कि अल्पमत की सरकार जाएगी।’
बता दें कि सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश में सियासी संकट उत्पन्न हो गया था। जिसका कल पटाक्षेप हो जाएगा।