डेस्क: वीपक्ष के भाटी विरोध के बीच पूर्व CJI रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली। इस दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी सासंदों ने उनका विरोध किया और नारेबाजी कर सदन का वॉक आउट किया। वहीं वीपक्ष के विरोध को लेकर पूछे जाने पर रंजन गोगोई ने कहा कि वे लोग जल्द ही वो लोग मेरा स्वागत करेंगे।

कार्यवाही शुरू होने पर गोगोई जैसे ही शपथ लेने निर्धारित स्थान पर पहुंचे, वैसे ही विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। हंगामे पर आपत्ति जताते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसा व्यवहार सदस्यों की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। नायडू ने कहा ‘आपको सदन में ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए। किसी मुद्दे पर पर आप अपनी राय सदन के बाहर व्यक्त करने के लिए स्वतंत्रता हैं।’
उनके शपथ लेने के बाद भी उनका आलोचना जारी है।सदन के बाहर एसपी सांसद जया बच्चन ने कहा कि ‘मैं पूछना चाहती हूं कि Metoo के ऊपर क्या हुआ। बड़े-बड़े पदों पर रहकर जिन्होंने अपनी महिला सबऑर्डिनेट का इस्तेमाल किया ‘। जया बच्चन ने कहा कि मैं इसके आगे कुछ बोलूंगी तो असंसदीय हो जाएगा पर सबसे पहले उन लोगों की जांच करानी चाहिए जिन्होंने अपने पदों का दुरूपयोग किया है। गौरतलब है कि रंजन गोगोई के चीफ जस्टिस रहते उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। हालांकि तीन सदस्यीय इन हाउस कमेटी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
वहीं मधेपुरा के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘शर्म भी नहीं आई, कहां देश के न्यायमूर्ति थे, कहां बेईमानी की प्रतिमूर्ति बन गए!’
शर्म भी नहीं आई, कहां देश के न्यायमूर्ति थे, कहां बेईमानी की प्रतिमूर्ति बन गए!
— Sewak Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) March 19, 2020
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि गोगोई को मनोनीत किये जाने से लोग निश्चित तौर पर आश्चर्यचकित होंगे और प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा, ‘कोई भी विवेकी व्यक्ति सरकार के इस तरह के कदम के खिलाफ होगा.’ कैप्टन ने कहा, ‘यह स्पष्ट संकेत करता है कि वह केंद्र की मौजूदा सरकार के लिये उपयोगी रहे थे।’