डेस्क:डेस्क: कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। इसका फैलना कम करने के लिए अब 75 जिलों के साथ-साथ दिल्ली, राजस्थान, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों को 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है। सरकारी आंकड़ों में अब तक 415 मामले सामने आए हैं। इसमें से 41 विदेशी हैं। 8 लोगों की मौ’त भी हो चुकी है।

इसकी जांच के लिए देश मे पर्याप्त सरकारी लैब नहीं है। वहीं निजी लैब में कोरोना की जांच के लिए 4500 से 5000 हजार रुपये चुकाने होते हैं। इसको लेकर मधेपुरा के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष एक बार फिर सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ‘PM साहब सारे निजी हॉस्पिटल और बड़े प्राइवेट लैब का अधिग्रहण आज से कीजिये। अन्यथा, हालात कभी नियंत्रण में नहीं आ पाएगा। #COVID19 का टेस्ट बिल्कुल मुफ्त होना चाहिए। निजी लैब में उसके लिए साढ़े चार हज़ार रुपया ऐंठने का आदेश देना महापाप है। उस महापाप में भागीदार है आपकी सरकार!’ बता दें कि पप्पू यादव इससे पहले सरकार से गरीबों के लिए ‘कोरोना भत्ता’ की मांग कर चुके हैं।
PM साहब सारे निजी हॉस्पिटल और बड़े प्राइवेट लैब का अधिग्रहण आज से कीजिये। अन्यथा, हालात कभी नियंत्रण में नहीं आ पाएगा।#COVID19 का टेस्ट बिल्कुल मुफ्त होना चाहिए। निजी लैब में उसके लिए साढ़े चार हज़ार रुपया ऐंठने का आदेश देना महापाप है।
उस महापाप में भागीदार है आपकी सरकार!
— Sewak Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) March 23, 2020
बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुएभारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने प्राइवेट लैब को भी कोरोना वायरस की जांच की मंजूरी दे दी है। ICMR ने कुछ शर्तों के साथ यह मंजूरी दी है।
प्राइवेट लैब में कोरोना की जांच अधिकतम 4500 रुपये में होगी। आईसीएमआर ने कहा है कि कोरोना से संक्रमित संदिग्ध मामलों में प्राइवेट लैब स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए अधिकतम 1,500 रुपये ले सकते हैं। कन्फर्मेशन टेस्ट के लिए अतिरिक्त 3,000 रुपये लेने की इजाजत दी गई है।
देश की 111 सरकारी लैब में कोरोना वायरस का टेस्ट हो रहा है। आसीएमआर ने कहा है कि हो सके तो निजी लैब मुफ्त में कोरोना का टेस्ट करें। हालांकि ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इसलिए तमाम विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं और सरकारी और निजी दोनों जगह मुफ्त जांच उपलब्ध करवाने की बात कह रही है।