देश

लॉकडाउन: ना तो रहा जाए ना ही सहा जाए !

डेस्क: मंगलवार 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद सबसे बड़ी समस्या किसानों व मवेशी पालकों के सामने खड़ी हो गई है।

मार्च महीने में जहां रबी फसल खेत में तैयार खड़ी है वहीं मवेशियों के लिए चारे का संकट भी उत्पन्न हो गया है।
बिहार के एक किसान डब्लू सिंह बताते हैं कि ज्यादातर लोगों सरसों की फसल तैयार कर दाने को घर कर चुके है लेकिन जिन्होंने देर से बुआई की थी उनके लिए परेशानी है। अब फसल के दाने खेत में ही झड़ने लगे हैं।

गौपालक संतोष यादव ने बताया कि हम सबको पीएम मोदी के आवाहन व आदेश को मानना चाहिए लेकिन गाय-भैंस पालने वालों के लिए कठिन समय है। सरकार ने सभी राशनकार्डधारकों के लिए अनाज व पैसे की व्यवस्था की है लेकिन इन दिनों में मवेशी क्या खाएंगे ? इस माह में ज्यादातर लोगों के पास भूसे का स्टॉक भी खत्म हो जाता है।

21 दिनों के लॉकडाउन के बाद गेंहू कटनी में भी देरी होना तय है। इन परिस्थितियों में अगर किसान व मवेशी पालक घर से ना निकले तो क्या करें ? ऐसे में किसान व पशुपालकों से ना तो रहा जा रहा है ना ही सहा जा रहा है।

इस आलेख के लेखक, युवा जर्नलिस्ट व स्वतंत्र स्तंभकार अजय कुमार पाठक जी